वैचाली
Saturday, May 3, 2014
रक्त
बहता था रक्त और तड़पती हुई थी वो
स्थिर नेत्रों से पथिकों को निहारती,
देखते तमाशा कुछ खाते तरस लोग
नीरस हैं या निर्बल किसको पुकारती?
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